उत्तराखंड (भारत) के जंगली फल: एथ्नोबोटैनिकल और औषधीय उपयोग (मकोय - MAKOI)
मकोय मकोय का पौधा (makoi plant) हर जगह मिल जाता है। मकोय के पत्ते लाल मिर्च के पत्तों की तरह तथा हरे रंग के होते हैं। इसके फूल आकार में छोटे और सफेद रंग के होते हैं। इसके फल (makoi fruit) आकार में लगभग 5-8 मिमीमीटर व्यास के होते हैं। इसमें सालों भर फूल और फल देखे जा सकते हैं। फल कच्चा होने पर हरे तथा पकने पर लाल, पीला या बैंगनी काले रंग के और रसदार होते हैं। इसके बीज बहुत सारे, छोटे, चिकने और टमाटर के बीच जैसे होते हैं। वानस्पतिक नाम: सोलनम नाइग्रम एल। स्थानीय नाम: ब्लैक नाइटशेड परिवार: सोलानेसी Ehanobotanical उपयोग- इसमें expectorant, एनाल्जेसिक, शामक, स्फूर्तिदायक गुण होते हैं। इसके बाहरी प्रयोग से चर्म रोग दूर होते हैं और जलन, खुजली, दर्द आदि में आराम मिलता है। आयुर्वेद के अनुसार यह पौधा गर्म होता है और त्रिदोष को संतुलित करता है। पत्तों के रस को कान में डालने से कान के दर्द में आराम मिलता है। इसमें गैलिक एसिड, कैटेचिन, प्रोटोकैच्यूइक एसिड, कैफिक एसिड, एपिक्टिन, रुटिन और नारिंगिन जैसे पॉलीफेनोलिक यौगिक भी होते हैं। 1- बालों को काला करने में मकोय का प्रयोग लाभदायक - मकोय के बीज स